लो आज हम तुमसे निकाह-ए-इश्क करते हैं ……
हाँ मुझे तुमसे “मोहब्बत है , मोहब्बत है , मोहब्बत है”……..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लो आज हम तुमसे निकाह-ए-इश्क करते हैं ……
हाँ मुझे तुमसे “मोहब्बत है , मोहब्बत है , मोहब्बत है”……..
अब तेरा ऐतबार तो कभी करना ही नहीं.. ऐ-दिल..!
…
उजाड़ बैठा है तू हमे, बे-ईमान कहीं का..!!
ग़मों ने मेरे दामन को यूँ थाम लिया है …
..
जेसे उनका भी मेरे शिव कोई नही…!!
कुछ विरान सी नज़र आती दिल की दिवार..
..
सोचता हूँ, तेरी तस्वीर लगा कर देखूँ !
हमने टूटी हुई शाख पर अपना दर्द छिड़का है …
…
फूल अब भी ना खिले तो, क़यामत होगी ।
माना के मुमकिन नही तेरा, मेरा एक हो जाना..
पर सुना है इस दुनिया में चमत्कार भी बहुत होते है..!!
तुम्हारा दीदार और वो भी आँखों में आँखें डालकर….!
.
.
उफ्फ्फ्फ्फ़…..
.
.
ये कशिश कलम से बयाँ करना भी मेरे बस की बात
नही….!!
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना..
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना….!!
“सस्ता” ना समझ, ये इश्क का सौदा,
तेरी “हँसी” के बदले पूरी “ज़िंदगी” दे रहा
हूँ..!!
ज़िन्दगी बदलने के लिए लड़ना पड़ता है आसान करने के लिए समझना पड़ता है.