हल निकलेगा आज

कोशिश कर, हल निकलेगा
आज नही तो, कल निकलेगा।

अर्जुन के तीर सा निशाना साध,
जमीन से भी जल निकलेगा ।

मेहनत कर, पौधो को पानी दे,
बंजर जमीन से भी फल निकलेगा ।

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे,
फौलाद का भी बल निकलेगा ।

जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को,
समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा ।

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की,
जो है आज थमा-थमा सा, वो चल निकलेगा ।

किसी की कदर

सीख जाओ वक्त पर किसी की
कदर करना…
शायद सैल्फी इस बात का प्रमाण है के हम ज़िंदगी में
इतने अकेले रह गए है
कि हमारे आस पास हमारी फोटो खींचने वाले यार
दोस्त भी नहीं बचे”

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा

कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!

मां जो भी बनाए उसे

मां जो भी बनाए उसे बिना नखरे किये खा लिया करो
क्युंकि दुनिया में ऐसे लोग भी है जिनके पास या तो खाना नही होता या मां नही होती
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वक़्त के साथ

वक़्त के साथ हर कोई बदल जाता है
गलती उसकी नहीं जो बदल जाता है
बल्कि गलती उसकी है जो
पहले जैसा रह जाता है