बात हुई थी

बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की..
बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..

वो पगली समझती है

वो पगली समझती है के उसने मेरा दिल तोड़ दिया

वो नहीं जानती वही दर्द बयां करके

हमने यहाँ लाखो का दिलजीत लिया |