तुझसे मोहब्बत के लिए तेरी मौजूदगी की जरूरत नही,.
ज़र्रे-ज़र्रे में तेरी रूह का अहसास होता है|
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इस तरह अंदाज़ा लगा
इस तरह अंदाज़ा लगा …. उसकी कड़वाहटों का,
आख़री ख़त तेरा दीमक से भी खाया न गया…!!!
रात थी और स्वप्न था
रात थी और स्वप्न था तुम्हारा अभिसार था !
कंपकपाते अधरद्व्य पर कामना का ज्वार था !
स्पन्दित सीने ने पाया चिरयौवन उपहार था ,
कसमसाते बाजुओं में आलिंगन शतबार था !!
आखेटक था कौन और किसे लक्ष्य संधान था !
अश्व दौड़ता रात्रि का इन सबसे अनजान था !
झील में तैरती दो कश्तियों से हम मिले ,
केलिनिश का काल प्रिये मायावी संसार था !!
चंचल चूड़ी निर्लज्जा कौतक सब गाती रही !
सहमी हुई श्वास भी सरगम सुनाती रही !
मलयगिरी से आरोहित राहों के अवसान थे ,
प्रणय सिंधु की भाँवर में छाया हाहाकार था !!
नेह की अभिलाष भरी लालसा फिर तुम बनी !
मद भरा दो चक्षुओं में मदालसा फिर तुम बनी !
वेणी खुलकर यूँ बिखरी और रात गमक उठी ,
शशि धवल मुख देख खुद चाँद शर्मसार था !!
सज़ा ये दी है
सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें ,
क़ुसूर ये था कि जीने के ख़्वाब देखे थे|
मालूम हमें भी है
मालूम हमें भी है बहुत से तेरे किस्से,
पर बात हमसे उछाली नहीं जाती..
लफ़्ज़ों की प्यास
लफ़्ज़ों की प्यास किसे है…
मुझे तो तेरी खामोंशियों से भी इश्क है|
वक्त के मरहम से
वक्त के मरहम से अभी दिल के जख्म भरे ही नहीं थे,
न जाने आज वो फिर क्यों याद आ गए…………….!!
वक़्त का फेर
वक़्त का फेर
वक़्त है ढल चुका
और ढल चुका वो दौर भी….
फ़िर भी आइने में, वक़्त पुराना ढूंढते हैं !!
महफिलें सजती थीं जहाँ
दोस्तों के कहकहों से….
दीवारों-दर पे, उनके निशान ढूंढते हैं !!
कुछ दर्द वक़्त ने
तो कुछ हैं अपनों ने दिए….
अकेले आज भी, दिल के टूकड़ों को जोड़ते हैं !!
अगर इतनी नफरत है
अगर इतनी नफरत है मूझसे..,,तो कोई ऐसी दुआ कर की.तेरी दुआ भी पुरी हो जाए..,और मेरी जिंदगी भी ।
कीमतें रोटी की
कीमतें रोटी की क्या हैं,मुफ़लिसों से पूछिए,
भाव जो देखें हैं,तुमने झूठ हैं,,,, अखबार के…।।