राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है ।
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है ।
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है ।
रूह में बसा करते थे हम कभी….
अब लफ़्ज़ों में भी रहते नहीं…….
निकाल दिया उसने हमें,
अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!
कल मिले थे राह में, बस नज़रो से बात की,
ये वक़्त का तकाज़ा है, वो इशारा नही करते…!!!
दिल में बुराई रखने से बेहतर है
आप अपनी नाराज़गी जाहिर कर दें
अच्छा हुआ की पंछियों के मज़हब नहीं होते,
बरगद भी परेशां हो जाता, मसले सुलझाते सुलझाते।
तुम्हे देखने की तमन्ना है इस दिल में ,
तुम्हे छू सकूँ तो बड़ी बात होगी ,
उस पल के सदके मैं सब कुछ लुटा दूँ ,
जिस पल हमारी मुलाकात होगी!!!!
आपके माँ बाप के अलावा कोई भी शख्स आपका निःस्वार्थ भला नही चहता
उस गरीब की भी, क्या उम्मीदें होंगी जिंदगी से
जिसकी साँसे भी, गुब्बारों में बिकती हैं..!
छोड़ रहा हूँ लफ़्ज़ों तुमको तुम्हारे हाल पे,
ढूंढ लो फिर कोई अधूरी मोहब्बत खुद के लिए…!!!