बेमौत मर गए दोनों…..
मैं और मेरी ख्वाइश |
Category: हिंदी
कम लफ्जों मे जिंदगी को
कितने कम लफ्जों मे जिंदगी को बयान करूँ
लो तुम्हारा नाम लेकर किस्सा तमाम करूँ !!
दो चार गवाह बुला लो
अगर शक है मेरी मोहब्बत पे तो दो चार गवाह बुला
लो, हम आज, अभी, सबके सामने, ये जिन्दगी तेरे
नाम करते है !!
पाने की तलब है
किसको, पाने की तलब है यहां;
हम तो बस, तुझे खो देने से डरते है!
सब कुछ सह कर भी
दिल तो सब कुछ सह कर भी चुप रहा……
कमबख्त, आँखो ने बयाँ कर दिया रात किस दर्द से
गुजरी है..
सभी कर्मो का फल
सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है….
तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों |
ग़लत कहता हैं हर कोई
ग़लत कहता हैं हर कोई कि संगत का असर होता हैं
वो बरसों मेरे साथ रही मगर फिर भी बेवफा निकली |
बढ रहे है चाहने वाले
बढ रहे है चाहने वाले मेरे अल्फाज़ों के….,
लगता है उस तक बात जरुर पहुँचेगी।
दर्द अब इतना की
दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |
तेरी मुहब्बत में
तेरी मुहब्बत में जो मैं फना हो गया…
यही मुझसे सबसे बड़ा गुनाह हो गया !!