यूँ तो होते है रूबरू चेहरे बहोत हर रोज़ मुझसे,
लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
यूँ तो होते है रूबरू चेहरे बहोत हर रोज़ मुझसे,
लेकिन रुह को सुकून जिससे मिले वो चेहरा तुम्हारा है !!
अपने दिल की किसी हसरत का पता देते है।मेरे बारे में जो अफवाह उड़ा देते है|
तुम सामने आये तो अजब तमाशा हुआ…..
हर शिकायत ने जैसे खुदखुशी कर ली…….
एक साँस भी पूरी नही होती तुम्हारे ख़यालों के बिना…..
कैसे सोच लिया जी लेंगे तुम्हारे बिना……
खामोशी के भी कितने अल्फ़ाज़ होते है
अगर तुम समझ जाते तो आज मेरे पास होते..!!
कुछ न कहने से भी छिन जाता है एजाज़-ए-सुख़न,
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है…
गम से छूटकर यह गम है मुझको
कि क्यू गम से निजात हो गयी|
ये कह-कह के हम दिल को बहला रहे हैं
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं !!
मेरी बेकरारी देखी है ,अब सब्र भी देख,,
मैं इतना खामोश हो जाऊँगा तू चिल्ला उठेगी..!
मेरे दिल और दिमाग लड़ते है आपस में दो मुल्को की तरह तेरे लिये…
इसमें तुम्हारा भी दोष नही,तुम हो ही कश्मीर सी सुन्दर..!!