बदन के घाव दिखा कर जो अपना पेट भरता है,
सुना है, वो भिखारी जख्म भर जाने से डरता है!
Category: हिंदी शायरी
ज़बान कहने से
ज़बान कहने से रुक जाए वही दिल का है अफ़साना,
ना पूछो मय-कशों से क्यों छलक जाता है पैमाना !!
कलम खामोश पड़ी है
कलम खामोश पड़ी है मेरी,
या तो दर्द दे जाओ या फिर मोहब्बत..
हमने मोह्हबत के नशे में
हमने मोह्हबत के नशे में उसे ख़ुदा बना डाला , और होश तो जब आया जब उसने कहा , ख़ुदा किसी एक का नहीं होता।।
बात ये है
बात ये है,के तुम बहुत दूर होते जा रहे हो. . .
और हद ये है कि तुम ये मानतीं भी नही. .
उठाना खुद ही पड़ता है
उठाना खुद ही पड़ता है, थका टुटा बदन अपना……
कि जब तक सांस चलती है कोई कांधा नही देता….
रहेगा किस्मत से
रहेगा किस्मत से यही गिला जिन्दगी भर,
कि जिसको पल-पल चाहा उसी को पल-पल तरसे…
बिना तेरे राते
बिना तेरे राते क्यों लम्बी लगतीं है …!
कभी तेरा ग़ुस्सा तेरी बातें , क्यों अच्छी लगती है …!
उनकी गहरी नींद का
उनकी गहरी नींद का मंजर कितना हसीं होता होगा…..
तकिया कहीं,जुल्फें कहीं और वो खुद कहीं।।
हमसे मोहब्बत का दिखावा
हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर…
हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है