मुझे महका कर गुजर गया..
वो झोंका जो तुझे छूकर आया था..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मुझे महका कर गुजर गया..
वो झोंका जो तुझे छूकर आया था..
आइये बारिशों का मौसम है,
इन दिनों चाहतों का मौसम है…..
फिर पलट रही है बारिशों की सुहानी शामें ,फिर तेरी याद में भीगने के ज़माने आये हैं ..
सबकी अपनी अपनी परेशानियाँ है जनाब,
वरना,मेरी तरह शायरियों में कौन अपना वक़्त बर्बाद करता है..!!
यह आँसूं तुम्हारे दिए हैं, इनसे नादानी नहीं होगी
यह ताउम्र आँख मैं ही रहेंगे, उससे बाहर न आयेंगें
तू बिल्कुल चिलम सी कड़क
और
मैं बिल्कुल धुँआ धुँआ सा…
दिल तो कोई भी बहला देता है,हुज़ूर को दिल दुखाने वाले पसंद हैं!
शिकायतें बचा कर रखिये,मोहब्बत अभी बाकी है।
जब से उसने बारिश में भीगना छोड़ दिया,
बादलों ने मेरे शहर में बरसना छोड़ दिया।
सिर्फ इतना उसे बता देना……!
मुझे आता नहीं भुला देना…