” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको,..पर……
जब उनको मेरी ज़रुरत होती हैं तब..!!
Category: हिंदी शायरी
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे,
तब मन से एक ही अलफाज निकला,
पुराने दोस्त दे सकते हो क्या….
पलकों में कैद कुछ सपने हैं
पलकों में कैद कुछ सपने हैं ,
कुछ बेगाने और कुछ अपने हैं ,
ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में ,
कुछ लोग दूर हो भी अपने हैं .
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की,
लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी
मोहब्बत तो तलब की राह
मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है
के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है
मौत ऐसी होनी चाहिए
पैदा तो सभी मरने के लिये ही होते है पर,
मौत ऐसी होनी चाहिए जिस पर जमाना अफसोश करे.
आप कितने श्रेष्ठ हो
रुतबा पद या पेसे से ये तय नही होता के आप कितने श्रेष्ठ हो,
बल्कि आपके आचार विचार ओर व्यवहार
तय करता है के आप कितने श्रेष्ठ हो
अपने कदमो के निशान
अपने कदमो के निशान अब मेरे रास्ते से हटा दो,,
कहीं ये ना हो कि मैं चलते चलते तेरे पास आ जाऊं !!
एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
एक पुत्र ने दो खूबसुरत पंक्तियां लिखी
पिता की मौजदगी सूरज की तरह होती है,
सूरज गरम जरुर होता है पर अगर न हो तो अँधेरा छा जाता है|
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
जहाँ दुसरो को समझाना कठिन हो..
तो वहाँ खुद को समझा लेना चाहिए…