वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे..
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।।
रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर..
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे..
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे।।
रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर..
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे।।
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,..
…
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं.
सुनो… तुम ही रख लो अपना बना कर..
औरों ने तो छोड़ दिया तुम्हारा समझकर..!!
प्यास तो मर कर भी नहीं
बुझती ज़माने की,
मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है”..
वो खुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा..!
जिसे नफरत है उसके बनाये बन्दों से..!
परेशां है वो हमसे इश्क़ करके
वफादारी की नौबत आ गई है….
मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है ये दिल ….,,,
ना जाने किस हाल मै होगा
मुझसे रूठने वाला !!
में करता हुं मिन्नते फकिरो से अकसर……..
….
जो ऐक पैसे में लाखो की दुआ दे जाते है…!!
बह चुभती है मेरी आंखों में अँधेरा हमसफ़र लगता है
तेरी दी हुई तन्हाई का असर ये है अपने आप से डर लगता है
हां और ना दोनों एक ही शब्द है,
जिन्हें जवाब मिला वो बर्बाद ही हुआ है..