आज़ादी एक ख़तरा हैं, हर कोई मोल नहीं लेता..
Category: हिंदी शायरी
जरूरत होती है तब
“मैं” पसन्द तो बहुत हूँ सबको, पर. जब उनको मेरी जरूरत होती है तब…
जितना दम है
कलम में जितना दम है जुदाई की बदौलत है ! वरना लोग मिलने के बाद लिखना छोड़ देते है ..!?
जिनकी बातों में
अपनापन छलके जिनकी बातों में, सिर्फ कुछ ही बंदे ऐसे होते हैं लाखों में!
आज मैं अकेला हूँ
आज मैं अकेला हूँ, तो क्या हुआ दोस्तो.. एक दिन उसको भी मेरे बिना सब सुना सा लगेगा..
बददुआ नहीं होती
उसके होंठों पे कभी बददुआ नहीं होती , बस इक माँ है जो मुझसे कभी खफा नहीं होती.
जिँदगी की राहो पर
जिँदगी की राहो पर कभी यूँ भी होता है….! इंसान खुद रो पड़ता है अकेले मै,… किसी को हौँसला देनै के बाद…!!
कोई ताल्लुक़ तो है
मेरी आँखों का तेरी यादों से कोई ताल्लुक़ तो है, तसवुर में जब भी आते हो…चेहरा खिल सा जाता है…
एक हसीन पल
एक हसीन पल की जरूरत है हमें, बीते हुए कल की जरूरत है हमें, सारा जहाँ रूठ गया हमसे.. जो कभी ना रूठे ऐसे दोस्त की जरूरत है हमे
दर्द देने के लिए
अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे,तो बता देना दोस्तो, मै दर्द बाटने के लिए लिखता हूँ , दर्द देने के लिए नहीं॥