ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे,,,!!!..
ऐ umar !!!
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी.!!!
ज़िन्दगी तो अपने ही दम पे जी जाती है
यारों किसी के सहारे से तो जनाज़े उठा करते हैं
Zindagi Tasveer bhi hai
Aur Taqdeer bhi…
Farq to Rango ka hai…
Manchahe Rango se bane
to Tasvir,
Aur Anjaane Rango se bane
to Taqdir…
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
जहर …
मरने के लिए थोडा सा.. !
लेकिन
जिंदा रहने के लिए ……. बहुत
सारा पीना पड़ता है
रात रोने से कब घटी साहब
बर्फ़ धागे से कब कटी साहब
सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी
ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..
इसे
सामान-ए-सफ़र मान, ये जुगनू रख ले,
राह में तीरगी होगी, मेरे
आंसू रख ले,
तू जो चाहे तो तेरा झूठ भी बिक सकता है,
शर्त इतनी
है के सोने का तराजू रख ले,
वो कोई जिस्म नही है जिसे छु भी
सके,
अगर नाम ही रखना है तो खुशबु रख ले,
तुझको अनदेखी
बुलंदी में सफ़र करना है,
एहतियातन मेरी हिम्मत, मेरे बाज़ू रख ले,
मेरी ख्वाइश है के आँगन में दीवार न उठे,
मेरे भाई मेरे हिस्से की
ज़मी तू रख ले….
बचपन से
लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही
किये…!!!
बस गलती से इश्क
हो गया…!!!
जब भी
देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की
खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..