ज़िन्दगी देने वाले

ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।

साँस थम जाती है

साँस थम जाती है पर जान नहीं जाती;
दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती;
अजीब लोग हैं इस ज़माने में ऐ दोस्त;
कोई भूल नहीं पाता और किसी को याद नहीं आती।

माँग रही थी

माँग रही थी कामवाली

बाई थोड़े ज्यादा पैसे
बहू ने थोड़ा प्यार दिखाकर

अपनी सास को गाँव से बुला लिया…