अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ…
पाबन्द कर गयीं हैं
.
शायद, किसी की नज़रें मुझे.!!
Category: शायरी
अगर तहज़ीब हो तुझमे
अगर तहज़ीब हो तुझमे तो हर इंसान तुझ से
मोहब्बत करे
मगर तहज़ीब लफ़्ज़ों से नहीं आँखों से बयां होती हैं
ख़ुदा की बंदगी
ख़ुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गई
तभी तो तेरे मेरे दरमियां ये दुरी रह गई।।
महोब्बत रहे ना रहे
महोब्बत रहे ना रहे,
स्कुल की बेन्च पर तेरा नाम आज भी है
मेरी बंदगी में
मेरी बंदगी में ही कुछ कमी है,,
… ऐ खुदा … वरना तेरा दर तो रहमतों का खजाना
है …
मंज़िले तो मिली नही
मंज़िले तो मिली नही , चलो रास्ते बदल लेते है !
वक्त तो बदला नही
रात तकती रही
रात तकती रही आंखो मे ,
दिल आरजू करता रहा कोई
बे सबर रोता रहा कोई बे खबर सोता रहा
इश्क़ रोता हो ..!
शायरी उसी के लबों पर
सजती है साहिब…,
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो ..!
कर्म पर आस्था
खुद पर हो विश्वास
और हो कर्म पर आस्था…
फिर कितनी भी हो मुश्किलें
मिल ही जाता है रास्ता…!!!
कौन हमसे आगे है
जीवन में यही देखना महत्वपूर्ण नहीं कि कौन हमसे आगे है या कौन पीछे,
यह भी देखना चाहिए कि कौन हमारे साथ है और हम किसके साथ..!!!