हजारों शेर मेरे सो गये कागज की कब्रों में
अजब पिता हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता|
Category: शायरी
नींद आँखों में लिये
नींद आँखों में लिये, सुस्त पड़ी है कागज पर,
थकान लफ्ज़ों की मेरे, उतरी नहीं अब तक…
कमाल का ताना मारा है
कमाल का ताना मारा है आज जिन्दगी ने की,
अगर कोई तेरा है तो वो तेरे पास क्यूँ नहीं है !!
ऐ ग़रीबी देख रस्ते में
ऐ ग़रीबी देख रस्ते में हमें मत छोड़ना…
ऐ अमीरी दूर रह नापाक हो जाएँगे हम…
मेरी ख़्वाहिश है कि
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ…
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ|
मेरे हाथों को मालूम है
मेरे हाथों को मालूम है तुम्हारे गिरेबानों का पता,
चाहूं तो पकड़ लूं पर मजा आता है माफ करने में ।
मुहब्बत क्या है
मुहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं,
तेरा मजबूर कर देना,मेरा मज़बूर हो जाना।।
उनके आने के इंतज़ार
उनके आने के इंतज़ार में हमनें;
सारे रास्ते दिएँ से जलाकर रोशन कर दिए!
उन्होंने सोचा कि मिलने का वादा तो रात का था;
वो सुबह समझ कर वापस चल दिए।
मेरे अश्कों में
मेरे अश्कों में तेरा चेहरा झलकता हैं,
तेरी यादों के सहारे दिल मेरा धड़कता हैं,
तु जो दूर हुआ हैं मुझसे…
साँसो का सिलसिला
रूक-रूक फिर तुझसे
मिलने चल पड़ता हैं…
तब्दीली जब भी आती है
तब्दीली जब भी आती है मौसम की अदाओं में
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है …