वो मुझे इस तरह से छोड़ गया..
जैसे रास्ता कोई गुनाह का हो…!
Category: शायरी
कुछ नहीं मेरी रग रग में
अब कुछ नहीं मेरी रग रग में,
रेंगती है तु मेरी नस नस में |
भाग्य के दरवाजे
भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है,
कर्मों का तूफान पैदा करें, दरवाजे अपने आप खुल जायेंगे।
आज नहीं फिर कभी
आज नहीं फिर कभी इजहार कर देंगे…
इसी सोच में हमने उम्र निकाल दी…!
और उन्होंने भी अभी तक किसी को अपना नहीं बनाया…!
भुजाओं की ताकत
भुजाओं की ताकत खत्म होने पर,
इन्सान हथेलियों में भविष्य ढूंढता है।
रह जाती है कई
रह जाती है कई बातें अक्सर अनकही,
शब्दों से जब कट्टी हो जाती है…
अश्कों के सिवा
लुत्फ़ देखा न किसी चीज़ का अश्कों के सिवा
आईं है रोने को दुनिया में हमारी आँखें |
उसी के लबों पर सजती है
शायरी उसी के लबों पर सजती है ,
साहिब जिसकी आँखों में इश्क रोता हो ..!!!
आप पूरी दुनिया घूम लें
चाहे आप पूरी दुनिया घूम लें लेकिन
उन गलियों से प्यारी कोई जगह नही
होती जहाँ आपका बचपन गुज़रा है।
ईलाज न ढूँढ
ईलाज न ढूँढ इश्क का वो होगा हीं नहीं ,
ईलाज मर्ज का होता है ईबादत क नहीं !