वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था
आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था |
Category: शायरी
रुकता नहीं तमाशा
रुकता नहीं तमाशा..
रहता है खेल जारी..
उस पर कमाल ये है कि ..
दिखता ” नहीं मदारी…
अपने लफ्ज़ों पर
अपने लफ्ज़ों पर गौर कर के बता,
लफ्ज़ कितने थे, और तीर कितने…
मत कर मुझे परेशान
मत कर मुझे परेशान ऐ मौत………!!
आशिक़ हूँ, अभी और तड़पना बाकी….!!
दिपक मन्दिरों मे जलाते हैं
ये नादानी भी
सच मे बेमिसाल है,
अंधेरा दिलो मे है,
और दिपक मन्दिरों मे जलाते हैं..!!!
सब कुछ निभा जाते है
ज़िन्दगी में बहुत ऐसे लोग होते है,
जो…वादे तो नही करते लेकिन सब कुछ निभा जाते है..
बीच का रास्ता
बीच का रास्ता नही होता,
इश्क़ होता है, या नही होता..!!
जिंदगी चली गयी
दिनों दिन खोने की ये सज़ा है हमको
कि जिंदगी चली गयी इंतज़ार करके।
वो अश्क थी
वो अश्क थी, बह गयी,
में दर्द था,सह गया……
काश तू मेरी आँखों का
काश तू मेरी आँखों का आँसू बन जाए,
मैं रोना ही छोड़ दूँ तुझे खोने के डर से..