वक्त के मरहम से अभी दिल के जख्म भरे ही नहीं थे,
न जाने आज वो फिर क्यों याद आ गए…………….!!
Category: शायरी
वक़्त का फेर
वक़्त का फेर
वक़्त है ढल चुका
और ढल चुका वो दौर भी….
फ़िर भी आइने में, वक़्त पुराना ढूंढते हैं !!
महफिलें सजती थीं जहाँ
दोस्तों के कहकहों से….
दीवारों-दर पे, उनके निशान ढूंढते हैं !!
कुछ दर्द वक़्त ने
तो कुछ हैं अपनों ने दिए….
अकेले आज भी, दिल के टूकड़ों को जोड़ते हैं !!
अगर इतनी नफरत है
अगर इतनी नफरत है मूझसे..,,तो कोई ऐसी दुआ कर की.तेरी दुआ भी पुरी हो जाए..,और मेरी जिंदगी भी ।
कीमतें रोटी की
कीमतें रोटी की क्या हैं,मुफ़लिसों से पूछिए,
भाव जो देखें हैं,तुमने झूठ हैं,,,, अखबार के…।।
लोग रूप देखते हैं
लोग रूप देखते हैं, हम दिल देखते हैं;
लोग सपना देखते हैं, हम हकीकत देखते हैं;
बस फर्क इतना है कि लोग दुनिया में दोस्त देखते हैं;
हम दोस्तों में दुनिया देखते हैं।
आदत पड गयी है
आदत पड गयी है सभी को ,
प्यार अब हर किसी को कहां होता है ??
अगर कसमें सच्ची होती
अगर कसमें सच्ची होती,
तो सबसे पहले खुदा मरता|
प्यार कमजोर दिल से
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता!
ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की!
उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
बेनाम आरजू की
बेनाम आरजू की वजह ना पूछिये,
कोई अजनबी था, रूह का दर्द बन गया…!
दीवाना पूछता है
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार-बार…
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं…!!!