न रूठना हमसे हम मर जायेंगे
दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे
प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं
दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
न रूठना हमसे हम मर जायेंगे
दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे
प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं
दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे|
दिल खामोश है मगर होंठ हँसा करते हैं
बस्ती वीरान है मगर लोग बसा करते हैं
नशा मयकदों में अब कँहा है यारों..
लोग अब मय का नहीं.
“मैं ”
का नशा करते हैं…….
मैं भी हूँ…..
तुम भी हो
फिर भी न तुम-तुम
हो मुझ बिन न
मैं हूँ तुमबिन.
मैं रहूँ, ना रहूँ, …मेरी यादें मेरी सांसें ,
मेरे एहसास,
मेरे अल्फ़ाज़ सब तुम्हारे
पास गिरवी रह जाऐगे |
माना वो थोड़े से रूखे रूखे है….!!
पर ये भी सच है कि
मोहब्बत हम उन्ही से सीखे है…
काश कभी ऐसा भी
हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे उदास
किया होता ..
प्यार” तो इक तरफ
से ही होता है।।
दोनो तरफ से हो
उसे तो “नसीब” कहते है|
हम भी ख़ामोश रहे
तुमने भी लब सी डाले
दोनो चुप चाप सुलगते रहे
तनहाँ तनहाँ
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर,
.
.
बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे….!!
कहने को ज़िन्दगी थी बहुत मुख़्तसर मगर..!
कुछ यूँ बसर हुई कि ख़ुदा याद आ गया…!!