किसी और के दीदार के लिए
उठती नहीं ये आँखे,
बेईमान आँखों में
थोड़ी सी शराफ़त
आज भी है|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
किसी और के दीदार के लिए
उठती नहीं ये आँखे,
बेईमान आँखों में
थोड़ी सी शराफ़त
आज भी है|
कुछ लोग तो आपसे सिर्फ
इसलिए भी नफरत करते हैं..
क्योंकि,बहुत सारे लोग
आपसे प्यार करते हैं…
शाम हुई हम आकर बैठे
फिर तेरी तस्वीर के पास.,
जैसे ग़ज़लें जा कर बैठें
अपने अपने मीर के पास|
दुनिया में कुछ अच्छा रहने दो।।
बच्चे को बच्चा रहने दो ||
चांदी की दीवार ना तोड़ी
प्यार भरा दिल तोड़ दिया |
ए सुनों,
हर किसी को कहना का सलीक़ा नहीं आता,
और तुम हसँते हुए भी बहती आँखों से कह दिया करते हो!
बे मौत ना मारे फ़लक आदमी ही क्या,
वो गम नहीं जो मौत से पहले न मार दे |
मुकाम और भी है
दुनिया में इश्क़ के सिवा,
ये राह है और तूने
इसे मंज़िल समझ लिया.!!
हम उनकी ज़िन्दगी में
सदा अंजान से रहे,
और वो हमारे दिल में
कितनी शान से रहे..
ज़िंदगी अब नही सवरेगी शायद,
बड़ा तजुर्बेकार था उजाड़ने वाला..!!