Zindagi Tasveer bhi hai
Aur Taqdeer bhi…
Farq to Rango ka hai…
Manchahe Rango se bane
to Tasvir,
Aur Anjaane Rango se bane
to Taqdir…
Category: शर्म शायरी
तकलीफ़ लोगों
ज़हर का सवाल नहीं था
वो तो में पी गया
तकलीफ़ लोगों को ये थी
की में जी गया ।
मरने के लिए
जहर …
मरने के लिए थोडा सा.. !
लेकिन
जिंदा रहने के लिए ……. बहुत
सारा पीना पड़ता है
रात रोने से
रात रोने से कब घटी साहब
बर्फ़ धागे से कब कटी साहब
सिर्फ़ शायर वही हुए जिनकी
ज़िंदगी से नहीं पटी साहब..
एहतियातन मेरी हिम्मत
इसे
सामान-ए-सफ़र मान, ये जुगनू रख ले,
राह में तीरगी होगी, मेरे
आंसू रख ले,
तू जो चाहे तो तेरा झूठ भी बिक सकता है,
शर्त इतनी
है के सोने का तराजू रख ले,
वो कोई जिस्म नही है जिसे छु भी
सके,
अगर नाम ही रखना है तो खुशबु रख ले,
तुझको अनदेखी
बुलंदी में सफ़र करना है,
एहतियातन मेरी हिम्मत, मेरे बाज़ू रख ले,
मेरी ख्वाइश है के आँगन में दीवार न उठे,
मेरे भाई मेरे हिस्से की
ज़मी तू रख ले….
इश्क हो गया
बचपन से
लेकर आज तक सिर्फ अच्छे काम ही
किये…!!!
बस गलती से इश्क
हो गया…!!!
दौलत से नहीं
जब भी
देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की
खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..
Intezaar Karte Hai
Log
rone ke liye kandha nahi dete,
Marne tak
intezaar karte hai॥
हिसाब रहता है
फिर
कहाँ का हिसाब रहता है ,.,
इश्क़ जब बेहिसाब हो जाये ,.,!!
ऐसा भी कायदा हो
मुकद्दर
की लिखावट का
इक ऐसा भी कायदा हो…
देर से किस्मत खुलने
वालों का
दोगुना फायदा हो……