क़ैदखाने हैं,
बिन सलाखों के,
कुछ यूँ चर्चे हैं,
उनकी आँखों के…
Category: शर्म शायरी
किसी भी मोड़ पर
किसी भी मोड़ पर अगर हम बुरे लगें तो,
दुनिया को बताने से पहले हमें बता देना…
ये दिल आज भी
ये दिल आज भी धोखे मे है…
और धोखेबाज दिल में है…॥
मुकाबले की जिद
मुकाबले की जिद ठहरी तो आओ मुकाबला कर लें,
हमने कई बार अपने हुनर से जमाने का भरम तोड़ा है…
जिंदगी में बेशक
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात
और मजबूरी का नहीं..!!
एक नींद है
एक नींद है जो रात भर नहीं आती
और एक नसीब है जो न जाने कब से सो रहा..
बेशक वो ख़ूबसूरत आज
बेशक वो ख़ूबसूरत आज भी है, पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं, जो हम लाया करते थे..!!!
हमारे बिन अधूरे
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे
कभी था कोई मेरा, तुम खुद कहोगे
न होगें हम तो ये आलम भी न होगा
मिलेगें बहुत से पर कोई हम-सा न होगा.
तुम जिंदगी का
तुम जिंदगी का वो हिस्सा हो
जो कभी भर नहीं सकता
इस देश में
अगर इस देश में ही देश के दुश्मन नहीं होते
लुटेरा ले के बाहर से कभी लश्कर नहीं आता