जाने क्यों गुरुर है उसे
हुस्न पर अपने..!!
लगता है उसका…
आधार कार्ड अभी बना नही
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जाने क्यों गुरुर है उसे
हुस्न पर अपने..!!
लगता है उसका…
आधार कार्ड अभी बना नही
देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे…!!!
सुन कर ग़ज़ल मेरी,
वो अंदाज़ बदल कर बोले,
कोई छीनो कलम इससे,
ये तो जान ले रहा है..
ज़िंदगी तो किसी और
की बक्शी हुई अमानत है…..
हम तो बस सांसों की रस्म
अदा करते हैं….
धोखा देने के लिए शुक्रिया पगली, तुम ना मिलती तो दुनिया समझ में ना आती..
मेरी तमन्ना न थी तेरे बगैर रहने की…
लेकिन
मज़बूर को…मज़बूर की…मजबूरियां मज़बूर कर देती है….
दील भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है,
करो याद उसे वरना मै धड़कना छोड़ दूँगा !!
पैसा और मज़ाक सही समय और सही जगह देख कर उड़ाना चाहिए ….!!
ना वो मिलती है, ना मै रुकता हूँ ..
.. पता नही, रास्ता गलत है या मंजिल !!
हम को भी चैन कि नींद आयेगी एक दिन,
एक दिन हम भी ज़मीन ओढ़ कर सो जायेंगे