मुझे मालूम था

मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक
नहीं जाते थे,
फिर भी मैं चलता रहा क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों
के घर भी आते थे!

जब जलेबी की तरह

अब जब जलेबी की तरह उलझ गई है जिंदगी
तो ख्वाहिशोंसे खीचातानीं ठीक नहीं…
चासनी में डूबकर जिंदगी का लाभ उठाऐ

मुसीबत में अगर

मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मागना क्योकि…
मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का..!

तेरे हैं हम

जाओ जा कर ढून्ढो हम से ज्यादा चाहने वाला
मिल जाये तो खुश रहना
न मिले तो फिर भी तेरे हैं हम..!!