तुम कभी भी मोहब्बत आजमा के देखना मेरी हम जिंदगी से हार जायेंगे मोहब्बत से नहीं.
Category: वक़्त शायरी
तुम्हारे हँसने की वजह
तुम्हारे हँसने की वजह बनना चाहता हूँ ,
बस इतना हैं तुमसे कहना………
कभी साथ बैठो
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा……
तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे ……
आओ बताता हूँ…
आओ बताता हूँ…
अपने दर्द कॊ क्यों नही दर्शाता हूँ…
साहेब घर चलाना पड़ता है…
इसलिए हर अपमान अपना सह जाता हूँ…
समंदर ने कहा
समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से…
मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ…
कभी कभी मीलों दूर
कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे
सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।
अपना समझते हो
अपना समझते हो तो बुरा क्यों नहीं कहते
हर वक्त की तारीफ बनावट सी लगे है
हर चीज़ वक़्त के साथ
हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है,
बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!
मीलों दूर चलाती रही
मीलों दूर चलाती रही ये जिन्दगी
हकदार मैं सिर्फ दो गज जमीन की थी
वापसी का तो
वापसी का तो सवाल ही नही…..
आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..