माला की तारीफ़ तो

माला की तारीफ़ तो करते हैं सब,
क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं..

काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है.

ये दुनियाँ ठीक

ये दुनियाँ ठीक वैसी है जैसी आप इसे देखना पसन्द करते हैं।

यहाँ पर किसी को गुलाबों में काँटे नजर आते हैं तो किसी को काँटों में गुलाब !!

मयखाने से पूछा

मयखाने से पूछा आज,इतना सन्नाटा क्यों है,
.
मयखाना भी मुस्कुरा के बोला,

लहू का दौर है, साहेब

अब शराब कौन पीता है…..!!……..

करोडो में नीलाम

करोडो में नीलाम होते है यहाँ, एक नेता के
उतारे हुए सूट ।
वही कचरे में फेक देते है, ‘शहीदों की वर्दी और
बूट’ ।