कहाँ मांग ली

कहाँ मांग ली थी कायनात जो इतनी मुश्किल हुई ए-खुदा..
सिसकते हुए शब्दों में बस एक शख्स ही तो मांगा था..!

ठंड

कोई नहीं मरता ठंड के कारण
मरते हैं लोग सरकारी फंड के कारण
नेताजी खा जाते हैं कंबल वाला फंड
बदनाम हो जाती है दिसंबर वाळी ठंड

उस देश में

उस देश में औरत का मरतबा

कैसे बुलंद हो सकता है,
जहाँ मरदों की लड़ाई में गालियां मां -बहन की दी
जाती है.!!

मांगो तो अपने रब

मांगो तो अपने रब से मांगो ,

जो दे तो रहमत और न दे तो किस्मत ,

लेकिन दुनिया से हरगिज मत मांगना ,

क्योंकि दे तो एहसान और न दे तो शर्मिंदगी ..

एक नफरत ही हैं

एक नफरत ही हैं जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं.

वरना चाहत का यकीन दिलाने में,
तो जिन्दगी बीत जाती हैं..