इश्क का नाम

ऐ उम्र !
कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीँ..
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!

हर बात का कोई जवाब नही होता
हर इश्क का नाम खराब नही होता…
यु तो झूम लेते है नशेमें पीनेवाले
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता…

खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है..

किसी ने खुदासे दुआ मांगी
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दु मगर,
उसे क्या कहु जिसने तेरी जिंदगी की दुअा मांगी…

हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता
हर एक इन्सान बुरा नही होता
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से….
हर बार कुसुर हवा का नही होता !!!

ख़ामोशी फितरत हमारी

समंदर सारे शराब होते तो
सोचो कितने फसाद होते,
हकीक़त हो जाते ख्वाब सारे तो
सोचो कितने फसाद होते..

किसी के दिल में क्या छुपा है
बस ये खुदा ही जानता है,
दिल अगर बेनक़ाब होते तो
सोचो कितने फसाद होते..

थी ख़ामोशी फितरत हमारी
तभी तो बरसों निभा गई,
अगर हमारे मुंह में भी जवाब होते
तो सोचो कितने फसाद होते..

हम अच्छे थे पर लोगों की
नज़र मे सदा रहे बुरे,
कहीं हम सच में खराब होते तो
सोचो कितने फसाद होते….. !!!!

जिंदगी देकर भी

खरीद सकते उन्हें तो
अपनी जिंदगी देकर भी खरीद लेते ,
पर कुछ लोग “कीमत” से नही
“किस्मत” से मिला करते हैं…