कैद कर के तुम्हारे चेहरे को,
मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कैद कर के तुम्हारे चेहरे को,
मेरी आँखों ने खुदकुशी कर ली
अपनी तो यारो बस इतनी सी कहानी है;
कुछ तो खुद से ही बर्बाद थे;
कुछ इश्क की मेहरबानी है।
सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली..
तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ..!”
वक्त सीखा देता है
फलसफा जिंदगी
का
फिर
नसीब क्या !
लकीर क्या !!
तकदीर क्या !!!
शुक्र है कि ये दिल…सिर्फ़ धड़कता है…अगर
बोलता…तो कयामत आ जाती….
भूल सकते हो तो भूल जाओ इजाज़त है तुम्हे….
न भूल पाओ तो लौट आना एक और भूल की इजाज़त है तुम्हें…..
कुछ नही मिलता जितनी मर्जी वफा कर लो किसी से…
मेरे दोस्त…
जब वक़्त वफ़ा ना करे तो….
वफादार भी बेवफा हो जाता है.
वास्ता नही रखना तो..
फिर मुझपे..
नजर क्यूं रखता है?
मैं किस हाल में
जिंदा हूँ…
तू ये सब..
खबर क्यूं रखता है..!!
परिणामो की चिंता करना हमारा कार्यक्षेत्र नहीं हे..
.
.
हम तो सिर्फ कार्य करने के लिए उत्तरदायी हे…
……
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है,
.
उन्हें कैसे समझाऊ एक ख्वाब अधुरा है ….
वर्ना जीना मुझे भी आता था…..
…..