मैं अक्सर अपनी

मैं अक्सर अपनी पेंसिल की नोक तोड़ दिया करता था..|

क्योंकि क्लास में शार्पनर लाने वाली वो अकेली लड़की थी..

मेरी डायरी के पन्ने

मेरी डायरी के पन्ने बोलते बहुत हैं
मै राज छुपाता हूं , ये खोलते बहुत हैं।

दिल के शहर का दिल ही, दुश्मन बना मिलता है
दिल में रहने वाले दिल तोड़ते बहुत है।

वैसे तो लोग प्यार झूठ से करते बहुत है
बात दिल दुखाने की हो तो सच बोलते बहुत है।

तड़पते है, मचलते है, जुदा जब होते हैं
जाते जाते वो बार बार लोटते बहुत है।
बचने की उम्मीद पे पानी फिर जाता है
हुस्न देखकर दिल डोलते बहुत है।

चलो गमों को ही घर का रास्ता बता दूं
खुशी के लम्हे साथ छोडते बहुत हैं।

मैं तबाह हूँ

मैं तबाह हूँ तेरे प्यार में तुझे दूसरों का ख्यालहै….!!!
कुछ तो मेरे मसले पर गौर कर
मेरी जिन्दगी का सवाल है….!!!

नाज है मुझे

नाज है मुझे मेरे प्यार पर ,
ना वो बेवफा ना मै बेवफा …..
बस मॉ –
बाप के फर्ज ने हमको जुदा किया …….!!

न जाने कब

न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला….!
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वो लम्हे , जो छुपाकर रखे थे “जीने के लिए”…!!