जिन्हे आना है वो खुद लौट आयेंगे तेरे पास ए दोस्त,बुलाने पर तो परिंदे भी गुरुर करते है अपनी उड़ान पर !!
Category: व्यंग्य शायरी
किस जगह रख दूँ
किस जगह रख दूँ मैं तेरी याद के चराग़ को
कि रोशन भी रहूँ और हथेली भी ना जले।
मेरे मरने पर
मेरे मरने पर किसी को ज़यादा फर्क ना पड़ेगा..
बस एक तन्हाई रोएगी की मेरा हमसफ़र चला गया..
तमन्ना बस इतनी है
तमन्ना बस इतनी है अफ़सोस हो तुम्हें..
छोड़ा है तुम ने बहुत आसानी से मुझे..
हम जिनसे प्यार करते है
हम जिनसे प्यार करते है उनसे नाराज हो सकते है,
लेकिन नफ़रत कभी नहीं कर सकते !!
यहां गरीबों को
यहां गरीबों को मरने की जल्दी इसलिए भी है..
के जिंदगी की कशमकश में कफन महँगा ना हो जाएँ..
नाज़ुक मिजाज है
नाज़ुक मिजाज है वो परी कुछ इस कदर..
पायल जो पहनी पाँव मै तो छम-छम से डर गई..
अब वहां यादों का
अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है..
जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..
तरस जाओगी हमारे लबों से
तरस जाओगी हमारे लबों से सुनने को एक एक लफ्ज,
जब हम प्यार की बातें तो क्या शिकायत भी नहीं करेंगे…
दुआओ को भी
दुआओ को भी अजीब इश्क है मुझसे… वो कबूल तक नहीं होती मुझसे जुदा होने के डर से …