एक युग था

एक युग था आँसूओं से मैल धो लेते थे सब…

अब जरा सी बात पर खंज़र भी है, पत्थर भी है..

जरुरी नहीं की

जरुरी नहीं की काम से ही इंसान थक जाए
फ़िक्र…धोके.. फरेब भी थका देते है इंसान को… जिंदगी में मेरे दोस्त ..