गिरा दे जितना पानी तेरे पास है बादल..
कयामत तक ये प्यास नही बुझने वाली ..
Category: व्यंग्य शायरी
ग़ज़ल भी मेरी है
ग़ज़ल भी मेरी है पेशकश भी मेरी है
मगर लफ्ज़ो में छुप के जो बैठी है वो बात तेरी है…
मुस्कुरा जाता हूँ
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुनकर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है.तो सोच तुझसे कितनी होगी….
बच्चे ने तितली पकड़ कर
बच्चे ने तितली पकड़ कर छोड़ दी।
आज मुझ को भी ख़ुदा अच्छा लगा।
बस आखरी बार
बस आखरी बार इस तरह मिल जाना,
मुझ को रख लेना या मुझ में रह जाना !!
जिम्मेदारिया जब कंधो पर
जिम्मेदारिया जब कंधो पर पडती है,
तो अक्सर बचपन याद आता है..
ये खामोश मिजाजी
ये खामोश मिजाजी तुम्हे जीने नहीं देगी, इस दौर में जीना है तो कोहराम मचा दो।
आंखें भीग सी गई
आंखें भीग सी गई है
लगता है आज फिर तू सोने नहीं देगी..
हम मोहब्बत में
हम मोहब्बत में दरख्तों की तरह हैं…
जहाँ लग जायें वहीं मुद्दतों खड़े रहते हैं…!!
स्कूल खत्म हुए तो
स्कूल खत्म हुए तो रस्ते अलग हुए
फिर उसके बाद कभी हम मिले नहीं..!