दुख की बात

दुख की बात ये है की….
वक्त बहुत कम है….!!

ख़ुशी की

बात ये है की….
अभी भी वक्त है….!!

जैसी सोच..
वैसी जिंदगी….!!

याद मत आओ

खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!

धागे की तरह

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते..,
या तो लोहे की तरह जोड़ दे,या फिर धागे की
तरह तोड़ दे..!!

बिगङी तकदीरें..

तमाम ठोकरें खाने के बाद, ये अहसास हुआ मुझे..
कुछ नहीं कहती हाथों की लकीरें,खुद बनानी पङती हैं बिगङी तकदीरें..