एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में…..
रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एहसासों की नमी होना जरुरी है हर रिश्ते में…..
रेत सूखी हो तो हाथों से फिसल जाती है…..
हाथ की लकीरें सिर्फ सजावट बयाँ करती है,
किस्मत अगर मालूम होती तो मेहनत कौन करता।
इन्तेजार तो अब किसी का भी नहीं है,
फिर जाने क्यूँ पलटकर देखने की आदत नहीं गई…
शौक़ कहता है हर जिस्म को सजदा कीजिए,
आँख कहती है तूने अभी देखा क्या है?
दिल न मिल पाए अगर आंख बचा कर चल दो,
बेसबब हाथ मिलाने की जरुरत क्या है?
इसी ख़याल से पलकों पे रुक गए आँसू…
तेरी निगाह को शायद सुबूत-ए-ग़म न मिले..
हँसते रहो तो दुनिया साथ है,
आँसुओ को तो आँखों में भी जगह नहीं मिलती ।
दिल तुम्हारी तरफ कुछ यूँ झुका सा जाता है..
किसी बेइमान बनिए का तराज़ू हो जैसा..
गुमान न कर अपनी खुश नसीबी का..
खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क़ होगा..
ये ना समझना कि खुशियो के ही तलबगार है हम..
तुम अगर अश्क भी बेचो तो उसके भी खरीदार है हम..