वो मुझे देख कर खामोश रहा..
और एक शोर मच गया मुझमें..
Category: वक्त-शायरी
मत पहनाओ इन्हें
मत पहनाओ इन्हें मनचाहा लिबास
रिश्ते तो बिना श्रृगांर ही अच्छे लगते हैं…
अजब हाल है
अजब हाल है, तबियत का इन दिनो,
ख़ुशी ख़ुशी नहीं लगती और गम बुरा नहीं लगता !!
रो पड़ा वो
रो पड़ा वो शक्स आज अलविदा कहते-कहते,
जो कभी मेरी शरारतो पर देता था धमकियाँ जुदाई की !!
मुजे ऊंचाइयों पर देखकर
मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग,
पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे..
जिस नजाकत से…
जिस नजाकत से…
ये लहरें मेरे पैरों को छूती हैं..
यकीन नहीं होता…
इन्होने कभी कश्तियाँ डुबोई होंगी…
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं
जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र,
कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं।
चल ना यार हम
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते हैं हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे|
कुछ इस कदर बीता है
कुछ इस कदर बीता है मेरे बचपन का सफर दोस्तों
मैने किताबे भी खरीदी तो अपने खिलौने बेचकर
कभी हमसे भी
कभी हमसे भी बातचीत करने का बहाना कर लो
मुझको बुला लो या मेरे पास आना जाना कर लो