न दोज़ख़ से,न ख़ून की लाली से डर लगता है,
कौन हैं ये लोग,इनको क़व्वाली से डर लगता है।
Category: वक्त-शायरी
तुम पुछते थे ना.
तुम पुछते थे ना..कितना प्यार है मुझसे…
लो अब गीन लो … बूंदे बारिश की..!!!!
जोड़ियां आसमान से
जोड़ियां आसमान से बनकर आती है।
मतलब काम तो ढंग से वहां भी नहीं होता ।।
इन्सान ज़िन्दगी में
इन्सान ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार ही मोहब्बत करता है …. बाकी की मोहबत्तें वो पहली मोहब्बत भुलाने के लिए करता है।
मुहब्बत में झुकना
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है,
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चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए…
आंसुओं का वजन
आंसुओं का वजन तो कुछ भी नहीं होता..
मगर निकल जाने पे दिल हल्का जरूर हो जाता है…..!!!
शायरी तभी जमती है
शायरी तभी जमती है महफ़िल में
जब कुछ पुराने शायर अपना नया तजुर्बा रखते है….
दो आँखो में…
दो आँखो में…दो ही आँसू..
एक तेरे लिए,
एक तेरी खातिर..!!
इम्तेहान तेरी तवज्जो का
इम्तेहान तेरी तवज्जो का है अब ऐ शाकी
हम तो अब ये भी न बतायेंगे की हम प्यासे हैं
रोज़ आते है
रोज़ आते है बादल अब्र ए रहेमत लेकर…!
मेरे शहर के आमाल उन्हे बरसने नही देते..