तुमसे ऐसा भी क्या रिश्ता हे?
दर्द कोई भी हो.. याद तेरी ही आती हे।
Category: वक्त-शायरी
लोगो ने कुछ दिया
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ
ऐ खुदा.. एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला!!
आईना आज फिर
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|
मेरी खामोशियों में
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है
बड़ी शातिर है दुनिया मजा लेने का बहाना ढ़ूँढ लेती है|
दर्द की एक बाढ़
दर्द की एक बाढ़ यूँ हमको बहा कर ले गई…
या तो हम चीख़े नहीं या वक़्त ही बहरा रहा…
इश्क़ भी कहा मरता है
इश्क़ भी कहा मरता है पुरी तरह..
आधा मुझमें आधा तुझमें जिया करेगा..!
बड़ा गजब किरदार है
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का भी,
अधूरी हो सकती है, मगर खत्म नहीं…….!!
दर्द-ए-दिल
दर्द-ए-दिल कितना पसन्द आया उसे,
मैनें जब की आह,उसने वाह की…
जान पहचान के
जान पहचान के लोगों में भी पहचान नहीं
कैसी फैली है यहाँ बेरुखी कूचा-कूचा..
बहुत तकलीफ देता है
बहुत तकलीफ देता है
कभी कभी,
तेरा ‘हो के’ भी न होना..!!