कुछ इस तरह से लिपटी थी फूल से तितली पता चल ही न सका.. किसे कौन ज्यादा प्यार करता है|
Category: लव शायरी
लौट आती है
लौट आती है हर बार मेरी दुआ खाली, जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है।
सुकून मिलता है
सुकून मिलता है दो लफ्ज कागज पर उतारकर कह भी देता हूँ और आवाज भी नही होती|
जाऊँ तो कहा जाऊँ
जाऊँ तो कहा जाऊँ इस तंग दिल दुनिया में, हर शख्स मजहब पूछ के आस्तीन चढ़ा लेता है…!
आज फिर बैठे है
आज फिर बैठे है इक हिचकी के इंतज़ार में.. पता तो चले वो हमें कब याद करते है…
अगर फुर्सत मिले तो
अगर फुर्सत मिले तो समझना मुझे भी कभी, तुम्हारी ही उलझनों मे तो उलझा था मैं उम्रभर !!
चलो दौलत की
चलो दौलत की बात करते हैं, बताओ तुम्हारे दोस्त कितने हैं….!!
मुझे किसीसे नहीं
मुझे किसीसे नहीं अपने आप से है गिला, मैंने क्यूँ तेरी चाहत को जिन्दगी समझा|
इस कदर हम
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए, कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए, आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था, आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
इश्क का समंदर
इश्क का समंदर भी क्या समंदर है, जो डूब गया वो आशिक जो बच गया वो दीवाना…!!