आँखों की दहलीज़ पे आके सपना बोला आंसू से…
घर तो आखिर घर होता है…
तुम रह लो या मैं रह लूँ….
Category: लव शायरी
चलो अच्छा हुआ
चलो अच्छा हुआ कि अब धुंध पड़ने लगी ..!!
दूर तक तकती थी निगाहें उसको …
आज तबियत कुछ
आज तबियत कुछ नासाज़ सी लग रही है लगता है किसी की दुआओ का असर हो रहा है|
कुछ तो है
कुछ तो है जो बदल गया जिन्दगी में मेरी
अब आइने में चेहरा मेरा हँसता हुआ नज़र नहीं आता…
आंखों देखी कहने वाले
आंखों देखी कहने वाले, पहले भी कम-कम ही थे
अब तो सब ही सुनी-सुनाई बातों को दोहराते हैं।
आईना आज फिर
आईना आज फिर रिशवत लेता पकडा गया,
दिल में दर्द था ओर चेहरा हंसता हुआ पकडा गया|
बड़ा गजब किरदार है
बड़ा गजब किरदार है मोहब्बत का भी,
अधूरी हो सकती है, मगर खत्म नहीं…….!!
धुंध पड़ने लगी….
चलो अच्छा हुआ कि धुंध पड़ने लगी….
दूर तक तकती थीं निगाहें उनको…
सुकून देने के लिए बनते हैं..
कुछ रिश्ते सुकून देने के लिए बनते हैं..
कलम से भी हमारा कुछ ऐसा हीं रिश्ता है!!
जिसको चाहा हमने
जिसको चाहा हमने वो माना ख़ास था
हमने इबादत क्या करी वो तो खुदा बन बैठा|