उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही…
क्या इतनी सी बात पर मै उसको चाहना छोड दूँ…!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उसे मुझसे मोहब्बत नही तो ना सही…
क्या इतनी सी बात पर मै उसको चाहना छोड दूँ…!
न जाने कब खर्च हो गये वो लम्हें….
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जो छुपाकर रखे थे जीने के लिए…..!!
सोचने लगा हू बना लू अपनी एक कहानी,
पर डर लगता है कि कही रह ना जाए
“हमारी अधूरी कहानी”
किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है;
हमने हँसते हुए कहा,
“पता नहीं… कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।”
उलझा कर उन्हें कुछ अनसुलझे सवालों में..
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आज जी भर के फिर मैंने देखा उन्हें..!!
प्यार के दो मीठे बोल से ही खरीद लो मुझे…
दौलत की सोचोगे, तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी…!!
ऐ बारिश जरा खुलकर बरस,
ये क्या तमाशा है….!!
इतनी रिमझिम तो
मेरी आँखों से रोज होती है…!
जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह,
बस इतनी सी बेवफा थी वो…
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर,
बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!!
चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!