दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए
मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए
मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…?
जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
सुनो ये तमाम चेहरे तुम्हे गुमराह कर देंगें
तुम बस मेरे दिल में रहो ये दिल है तुम्हारा
बक्श दें प्यार की गुस्ताख़ियां
दिल ही क़ाबू में नहीं हम क्या करे
हँस कर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर है मेरी,,,,
पर कोई हुनर काम नहीं आता ,
जब तेरा नाम आता हैं…!!
देना हो साथ तो जिंदगी भर का देना ऐ दोस्त
लम्हों का साथ तो जनाजा उठाने वाले भी दिया करते है।
मेरी आदतों में शुमार, हैं एक तेरा नाम भी…
यादों से बेरुखी भी, तेरी चाहतों को सलाम भी….!
एक बार चाहा था अक्ल ने तुमको भुलाना
तो सौ बार जुनूँ ने तेरी तसवीर दिखा दी
मुझे देख कर आज उनकी नजरें नीची झुक गई…..
लगता है इस से पहले किसी से आँख मिला के आई है…….!
अफसोस ये नही है कि दर्द कितना है
दर्द ये है कि तुमे परवाह नही है..!!