हम दिल के सच्चे कुछ एहसास लिखते हैं,
मामूली शब्दों में ही सही, कुछ खास लिखते हैं।
Category: लव शायरी
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत
क्यूँ नहीं हो सकती मोहब्बत ज़िंदगी में दोबारा,
बस हौसला चाहिए फिर से बर्बाद होने के लिए।
कभी जो मिलें फुरसत
कभी जो मिलें फुरसत तो बताना जरूर…
वो कौन सी मौहब्बत थी जो मैं ना दे सका….
वो पन्ने आज भी
वो पन्ने आज भी कोरे हैं,जिन पर तुझको लिखना चाहा।
दिखाई देता नहीं
दिखाई देता नहीं दूर तक कोई मंज़र,
वो एक धुंध मेरे आसपास छोड़ गया !
मैं चुप रहा
मैं चुप रहा और गलतफहमियां बढती गयी,
उसने वो भी सुना जो मैंने कभी कहा ही नहीं…
आँखों में भी
आँखों में भी कुछ सपने सो जाते हैं
सपनों में भी मुश्किल जब उनका आना लगता है….
यादों को याद बना कर
यादों को याद बना कर रख लिया
जज्बातों को तेज़ाब बना कर रख लिया
ये क्यूँ था
ये क्यूँ था जनाज़े पे हुजुम मेरे?
जबकि तन्हा तन्हा थी जिंदगी।
अजीब सी बस्ती में
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा।
जहाँ लोग मिलते कम, झांकते ज़्यादा है।