मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकिन है,
कोई मुझे छोड तो सकता है मगर भुला नही सकता…!
Category: लव शायरी
तुम मुझे भुलाओगे
कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे,
मै उतना याद आउगाँ जितना तुम मुझे भुलाओगे
मज़ा लेते हैं
कैसे करुं भरोसा, गैरों के प्यार पर…
अपने ही मज़ा लेते हैं, अपनों की हार
पर..!
तुझे भूलने लगे
तेरी तस्वीर पे जमी धूल है गवाह इस बात की,
हम भी तुझे भूलने लगे हैं ज़रा ज़रा …!!
दिल पे हाथ रख
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं वही दिल,
तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना….!!
जलाने के लिए
सूखे पत्ते की तरह बिखरे थे ए दोस्त,
किसी ने समेटा भी तो जलाने के लिए !
सच मानते थे
यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे
के
इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे
हाल -ए-मंजर
हाल -ए-मंजर……… कुछ और है
तेरी ख़ामोशी बताती कुछ और है..
बेशक मुझे छोड़देना
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना.. कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़देना
एक से घर हैं
एक से घर हैं सभी एक से हैं बाशिंदे
अजनबी शहर में कुछ अजनबी लगता ही नहीं