इश्क ओर दोस्ती

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है

परवाह ना कर

तू चेहरे की बढ़ती सलवटों की परवाह ना कर
हम लिखेंगे अपनी शायरी में हमेशा जवां तुझको ।।