ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,
नही हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सजाएँ कैसी..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ले लो वापस ये आँसू ये तड़प और ये यादें सारी,
नही हो तुम अगर मेरे तो फिर ये सजाएँ कैसी..
तकदीर ने यह कहकर, बङी तसल्ली दी है मुझे….कि….वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे..
जिन्हें मैंने दूर किया है|
ईश दूर पर मैं सुखी ,आस्था लिये अभंग |
ससूत्र बालक खुश रहे ,नभ में उड़े पतंग
काश इंसान भी “नोटों” की तरह होते..
रोशनी की तरफ करके देख लेते ,
“असली” है कि “नकली”….
बहुत कमियाँ निकालते हैं हम
दूसरों में अक्सर…
आओ एक मुलाक़ात
ज़रा आईने से भी कर लें …!
जब सवालों के जवाब मिलने बंद हो जाये
तो समझ लो एक मोड़ लेना है रास्ते और रिश्ते दोनों में…!
कौन कहता है नशा सिर्फ शराब का होता है…
हमने लोगों को काम के नशे में धुत कामयाब होते
देखा है..!!
सुना है मोहब्बत लाजबाब
करते हो तुम,,……
लो हमने दे दिया दिल…..
………
अब देखते हैं इसका क्या हाल
करते हो तुम..!
नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने
में मेने कभी..!!
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया और जाने वाले
को रब का वास्ता भी दिया..!!
शब्दो मे सिमटी है मेरी मोहब्बत की
दास्तान,
उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये..