हम भी वही होते हैं

हम भी वही होते हैं,
रिश्ते भी वही होते हैं,
और रास्ते भी वही होते हैं,
बदलता है तो बस…..

समय, एहसास, और नज़रिया…!!

तुम्हारे बिन न जाने क्यों

तुम्हारे बिन न जाने क्यों सफ़र अच्छा नहीं लगता
बड़ा दिलकश है हर मंजर मगर अच्छा नहीं लगता
तुम्हारे बिन न जाने क्यों सफ़र अच्छा नहीं लगता
और
जमाने भर की सारी नेमतें मौजूद हो लेकिन
जमाने भर की सारी नेमतें मौजूद हो लेकिन
अगर बेटी ना हो घर में घर अच्छा नहीं लगता…

पथ के पहचाने छूट गए

पथ के पहचाने छूट गए,
पर साथ साथ चल रही याद।
जिस जिससे पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।

आभारी हूँ मैं उन सबका,
दे गए व्यथा का जो प्रसाद।
जिस जिससे पथ पर स्नेह मिला,
उस उस राही को धन्यवाद।।