शेर शिकार दबे पांव बगैर आहट ही करता है भरोसा और धेर्य रखना जरूरी है…!!!
Category: लव शायरी
ये सोचना ग़लत है
ये सोचना ग़लत है कि तुम पर नज़र नहीं,
मसरूफ़ हम बहुत हैं मगर बे-ख़बर नहीं।
चल ओ रे मांझी
चल ओ रे मांझी तू चल ।
अपनी राहों को बनाके एक कश्ती हर पल
न दे के हवाला की क्या होगा यहाँ कल
कुछ अधूरी ख्वाईशो मे भर और बल
कभी उन्हें अपना बना,उनके रंगों मे ढल
युही हर मोड़ हर शहर हर डगर
मुसलसल कर कुछ तू यु पहल
चल ओ रे मांझी तू चल ।
आज पास हूँ
आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से|
लफ़्ज़ों में बयाँ करूँ
लफ़्ज़ों में बयाँ करूँ जो तुम्हे ,
इक लफ्ज़ मुहब्बत ही काफी है|
रूह के रिश्तों की
रूह के रिश्तों की यही खासियत रही है..
महसूस हो ही जाती है जो बात अनकही है…!!
कलम में जोर जितना है
कलम में जोर जितना है जुदाई की बदौलत है…
मिलने के बाद लिखने वाले लिखना छोड़ देते हैं…
क़यामत है उसने
क़यामत है उसने नज़र भी मिलाई
हमें लग रहा था कि बस बात होगी|
मुमकिन नहीं के
मुमकिन नहीं के तू हो मुकम्मल मेरे बगैर !!
ए ख्याल-ए-यार मेरे संग संग चल……!!
दीवानगी के लिए
दीवानगी के लिए तेरी गली मे आते हैं..
वरना.. आवारगी के लिए सारा शहर पड़ा है..