न वफा का जिक्र होगा
न वफा की बात होगी
अब मोहब्बत जिससे भी होगी..
रुपये ठिकाने लगाने के बाद होगी..
Category: लव शायरी
उसके रूठने की
उसके रूठने की अदायें भी, क्या गज़ब की है,
बात-बात पर ये कहना, सोंच लो .. फ़िर मैं बात नही करूंगी।
अजीब सी उलझन
अजीब सी उलझन भरी है इश्क की राहें ।
बेचारा आशिक कितना सम्भल के चले ।
किस बात से
किस बात से खफा हो बस इतना बता दो,
वजह जानकर हम खुद को सजा देना चाहते है !!
जो आपके अल्फाज़ों को
जो आपके अल्फाज़ों को न समझ पाये…
वो आपकी खामोशी को क्या समझेंगे……..
आज तो हम
आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!
ख़त जो लिखा मैनें
ख़त जो लिखा मैनें इंसानियत के पते पर !
डाकिया ही चल बसा शहर ढूंढ़ते ढूंढ़ते !
अगर तुम्हें भूलाना मुमकिन होता
अगर तुम्हें भूलाना मुमकिन होता तो कब के भूला दिये होते,
यूँ पैरों में मोच होते हुए भी चलना किसको पसंद है !!
कंही पर बिखरी हुई बातें
कंही पर बिखरी हुई बातें कंही पर टूटे हुए वादे,
ज़िन्दगी बता क्या तेरी रज़ा है और क्या तेरे इरादे…
सारे अरमान माँग लो
प्यार से चाहे सारे अरमान माँग लो ,
रूठकर चाहे मेरी मुस्कान माँग लो,
तमन्ना ये है कि ना देना कभी धोखा,
फिर हँसकर चाहे मेरी जान माँग लो…